करीब 3 साल की न्यायिक प्रक्रिया के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया है कि जज लोया की मौत स्वाभाविक थी और मौत मामले की SIT से जांच कराने की कोई जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने SIT जांच से जुड़ी सभी याचिकाएं खाकिज कर दी हैं और कहा है कि जज लोया की मौत के समय उनके सात मौजूद 4 साथी जजों के बयान पर संदेह का कोई कारण नहीं बनता है.